Kala aur sanskriti = कला और संस्कृति (Record no. 58127)
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789389243321 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.43471 |
Item number | AGR |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Agrawala, Vasudeva Sharan |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Kala aur sanskriti = कला और संस्कृति |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc | Lokbharti Prakashan, |
Date of publication, distribution, etc | 2022. |
Place of publication, distribution, etc | New Delhi: |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 216p.; |
Other physical details | hbk; |
Dimensions | 22cm. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE | |
Bibliography, etc | Including author introduction |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | कला और संस्कृति' समय-समय पर लिखे हुए मेरे कुछ निबन्धों का संग्रह है । 'संस्कृति' मानव जीवन की प्रेरक शक्ति और राष्ट्रीय जीवन की आवश्यकता है । वह मानवी जीवन को अध्यात्म प्रेरणा प्रदान करती है । उसे बुद्धि का कुतूहल मात्र नहीं कहा जा सकता । संस्कृति के विषय में भारतीय दृष्टिकोण की इस विशेषता को प्रस्तुत लेखों में विशद किया गया है । लोक का जो प्रत्यक्ष जीवन है उसको जाने बिना हम मानव जीवन को पूरी तरह नहीं समझ सकते । कारण भारतीय संस्कृति में सब भूतों में व्याप्त एक अन्तर्यामी अध्यात्म तत्व को जानने पर अधिक बल दिया गया है । हमारी संस्कृति उन समस्त रूपों का समुदाय है जिनकी सृष्टि ही मानवीय प्रयत्नों में यहॉ की गई है । उनकी उद्दात्त प्रेरणाओं को लेकर ही हमें आगे बढ़ना होगा । रथूल जीवन में संस्कृति की अभिव्यक्ति ‘कला' को जन्म देती है । कला का सम्बन्ध जीवन के मूर्त रूप से है । कला मानवीय जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है । वह कुछ व्यक्तियों के विलास साधन के लिए नहीं होती । वह शिक्षण, आनंद और अध्यात्म साधना के उद्देश्य से आगे बढ़ती है । इसी से जहाँ जो सौन्दर्य क्री परम्परा बची है उसे सहानुभूति के साथ समझ कर पुन: विकसित करना होगा । भारतीय कला न केवल रूप विधान की दृष्टि से समृद्ध है वरन् उसकी शब्दावली भी अत्यन्त विकसित है । समय रहते कला की पारिभाषिक शब्दावली की रक्षा करना भी हमारा आवश्यक कर्त्तव्य है । अन्त में यह कहा जा सकता है कि पूर्व मानव के जीवन में जो महत्त्व धर्म और अध्यात्म का था वही अपने वाले युग में कला और संस्कृति को प्राप्त होगा । - वासुदेवशरण अग्रवाल.<br/><br/>https://www.amazon.in/Kala-Sanskriti-Vasudev-Sharan-Agarwal/dp/9389243327 |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Hindi |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Essay |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Item type | Hindi Books |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Full call number | Barcode | Date last seen | Copy number | Cost, replacement price | Koha item type |
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Dewey Decimal Classification | General | IIT Gandhinagar | IIT Gandhinagar | 18/12/2022 | 36 | 0.00 | 891.43471 AGR | 032505 | 18/12/2022 | 1 | 400.00 | Hindi Books |