Hunkar = हुंकार (Record no. 57694)

MARC details
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789389243000
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 891.43371
Item number DIN
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Dinkar, Ramdhari Singh
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Hunkar = हुंकार
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Name of publisher, distributor, etc Lokbharti Paperbacks,
Date of publication, distribution, etc 2022
Place of publication, distribution, etc Allahabad:
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 120p. hbk; 20cm
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc रामधारी सिंह ‘दिनकर’ करुणा को जीने, विषमताओं पर चोट करने, भाग्‍यवाद को तोड़ने और क्रान्ति में विश्‍वास करनेवाले कवि हैं। यही कारण है कि पराधीन भारत की बात हो या स्‍वाधीन भारत की, वे अपने विज़न और वितान में एक अलग ही ऊँचाई पर दिखते हैं। और इस बात की मिसाल है उनका यह संग्रह ‘हुंकार’।<br/><br/>‘हुंकार’ में इस शीर्षक से कोई कविता नहीं है, लेकिन हर कविता एक हुंकार है। काव्‍य में ओज को कलात्‍मक रूप देनेवाले कवि हैं दिनकर। उन्‍होंने अपने काव्‍य में राष्‍ट्रीय अस्मिता की वह ज़मीन तैयार की, जिससे स्‍वतंत्रता का मार्ग प्रशस्‍त हो सके। उन्‍होंने ‘अनल-किरीट’ में लिखा—‘धरकर चरण विजित शृंगों पर झंडा वही उड़ाते हैं/अपनी ही उँगली पर जो खंजर की जंग छुड़ाते हैं।’<br/><br/>दिनकर विसंगतियों और विडम्‍बनाओं को तटस्‍थ होकर नहीं देख सकते, वे उनकी जड़ों तक जाते हैं। ‘हाहाकार’ कविता में जो चित्र उन्होंने खींचे हैं, वे बेचैनी से भर देनेवाले हैं, क्‍योंकि यह धरती ऐसी हो गई है, जहाँ चीखें ही चीखें हैं। विदारक तो यह कि कुछ बच्‍चे माँ के सूखे स्‍तन चूस रहे हैं, कुछ की हड्डियाँ क़ब्र से ‘दूध-दूध’ चिल्‍ला रही हैं। इसलिए ‘दिल्‍ली’ जो क्रूर, निर्लज्‍ज और मनमानी की प्रतीक बन चुकी, उसे ललकारते हुए कहते हैं—‘अरी! सँभल, यह क़ब्र न फटकर कहीं बना दे द्वार/निकल न पड़े क्रोध में लेकर शेरशाह तलवार!’<br/><br/>इस संग्रह में दिनकर की दृष्टि वैश्विक है। इसलिए जिस तरह वे ‘तक़दीर का बँटवारा’ में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच वार्ता विफल होने पर जन को आगाह करते हैं, उसी तरह ‘मेघ-रन्‍ध्र में बची रागिनी’ में रक्‍तपिपासु इटैलियन फ़ासिस्‍टों के अबीसीनिया पर आक्रमण को लेकर सजग करनेवाली चेतना को प्रतिपादित करने से नहीं चूकते।<br/><br/>‘हुंकार’ क्रान्ति को एक नया रूप देनेवाला ऐसा संग्रह है जो आठ दशकों से विद्रोह की आवाज़ बना हुआ है, सपनों की राह और रोशनी बना हुआ है।<br/><br/>https://rajkamalprakashan.com/hunkar.html<br/>
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Hindi literature
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Hindi Poetry
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
Item type Hindi Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Source of classification or shelving scheme Damaged status Not for loan Collection code Home library Current library Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Total Checkouts Full call number Barcode Date last seen Date last borrowed Copy number Cost, replacement price Koha item type
    Dewey Decimal Classification     General IIT Gandhinagar IIT Gandhinagar 04/11/2022 1 0.00 1 891.43371 DIN 032068 22/03/2024 04/03/2024 1 150.00 Hindi Books


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