Dogri ki chuni hui kahaniyaan = डोगरी की चुनी हुई कहानियाँ
- 2nd ed.
- Delhi: Rajpal and Sons, 2014.
- 183p; hbk; 23cm.
डोगरी भाषा का क्रोईं एक विशेष जन्मस्थान नहीं माना जा सकता। यह जम्पूएबं कशमीर और गंजाब केकई इलाकों में बोली जाती है भी शायद यही कारण है कि डोणारी यर पंजाबी और उर्दूदोनों भाषाओँका बहुत प्रभझव पड़ा और जो उसके साहित्य में भी दिखता है। औम गोस्वामी, विष्पदुनाथ खजूरिया, शिबदेव महिम, तारा दानपुरे डोणारी के जाने-माने नाम हैं। उनकी और अन्य डोगरी लेखकों को चुनी हुई कहानियां इस पुस्तक में संकलित हैं जिनका चुनाव हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर ने किया हैऔर स्राथ ही एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है।