Mehta, Naresh

Shabd purush Agyey = शब्द-पुरुष अज्ञेय - Allahabad: Lokbharti Prakashan, 2012. - 104p.; hbk; 22cm.

Includes author introduction

आधुनिक हिन्दी साहित्य के लिए यह एक ऐतिहासिक संयोग था कि उसे ‘अज्ञेय’ जैसा विशिष्ट व्यक्ति मिला, जो न केवल अपने निजी लेखन से ही महत्त्वपूर्ण था, बल्कि साहित्य के सभी क्षेत्रों और विषयों पर भी चिन्तातुर था। शायद भारतेन्दु के बाद ऐसी प्रामाणिक साहित्यिक चिन्ता वात्स्यायन में ही दिखलाई देती है। वस्तुत: यह आलेख उनके लेखन और व्यक्ति का आकलन नहीं, बल्कि स्मरण है, और वह भी संस्मरणात्मक आत्मीय भूमि पर से ही किया गया है। साथ ही एक अग्रज समकालीन को जिस सम्यकता से देखा जाना चाहिए, की चेष्टा है।

https://rajkamalprakashan.com/shabd-purush-agyey.html

9788180317156


Literary Criticism
Hindi
Shri Naresh Mehta

891.43009 / MEH