TY - GEN AU - Verma, Mahadevi TI - Yama = यामा SN - 9788180313066 U1 - 891.43371 PY - 2022/// CY - Prayagraj PB - Lokbharti Paperbacks KW - Hindi--Poetry KW - Poetry KW - Mahadevi Verma--Poetry KW - Nihar N1 - Includes authors introduction N2 - प्रस्तुत पुस्तक ‘यामा’ में महादेवी की काव्य-यात्रा के चार आयाम संगृहीत हैं—‘नीहार’, ‘रश्मि’, ‘नीरजा’ तथा ‘सांध्यगीत’ जो भाव और चिन्तन-जगत् की क्रमबद्धता के कारण महत्त्वपूर्ण हैं। प्रत्येक आयाम में नवीनता तथा विशिष्टता का परिचय दिया गया है, फिर भी अपेक्षाकृत मानवीकरण एवं प्रतीकात्मकता पर बल दिया गया है। प्रकृति के स्थूल सौन्दर्य में भी प्रायः महादेवी ने मानवीय भावनाओं व क्रिया-कलापों का साक्षात्कार किया। https://rajkamalprakashan.com/yama.html ER -