Neela Chaand = नीला चांद
Publication details: Vani Prakashan, 2021. New Delhi:Description: 536p.; hbk; 23cmISBN:- 9788170551386
- 891.433 SIN
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.433 SIN (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032570 |
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891.433 SIN Upsanhar = उपसंहार | 891.433 SIN Ghar ka jogi jogda = घर का जोगी जोगड़ा | 891.433 SIN Vaishvanar = वैश्वानर | 891.433 SIN Neela Chaand = नीला चांद | 891.433 SIN Alag alag vaitarni = अलग अलग वैतरणी | 891.433 SIN Gali aage mudti hai=गली आगे मुड़ती है | 891.433 SOB Yaaron ke yaar = यारों के यार |
Includes authors introduction
नीला चाँद हिन्दी के विख्यात साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुछ ऐसी घटनाएं भी होती हैं जो कभी-कभार ही घटित होती हैं लेकिन वह अपने होने के पीछे कई बड़े सवाल छोड़ जाती हैं. कुछ रहस्य और विस्मय भी, ऐसी विरल घटनाओं को नाम दिया गया है “नीला चांद”.क्या इस दुनिया में हम अकेले हैं और क्या धरती के अलावा ये पूरा अंतरिक्ष बंजर है? क्या इस अनंत आकाश में धरती जैसा कहीं कोई एक भी ग्रह नहीं है? ये तमाम वो सवाल हैं जो इंसानी दिमाग को सदियों से उलझन में डालते आए हैं लेकिन आज विज्ञान की नज़र से हम इन तमाम सवालों के जवाबों को नीला चाँद पढ़ कर जान सकते हैं।
https://www.amazon.in/Neela-Chaand-Shiv-Prasad-Singh/dp/8170551382
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