Premchand aur unka yug = प्रेमचंद और उनका युग
Publication details: Rajkamal Prakashan, 2022. New Delhi:Description: 282.p; pbk; 22cmISBN:- 9788126705054891.43009
- 891.43009 SHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Books | IIT Gandhinagar | General | 891.43009 SHA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032528 |
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891.43009 ROY Vignana aur darshan = विज्ञान और दर्शन | 891.43009 SHA Premchand = प्रेमचंद | 891.43009 SHA Bharatiya sahitya ki bhumika = भारतीय साहित्य की भूमिका | 891.43009 SHA Premchand aur unka yug = प्रेमचंद और उनका युग | 891.43009 SHA Parampara ka mulyankan = परम्परा का मूल्यांकन | 891.43009 SHU Kuchh sahitya charcha bhi = कुछ साहित्य चर्चा भी | 891.43009 SHU Shrilal shukla ki duniya = श्रीलाल शुक्ल की दुनिया |
Includes author introduction
प्रख्यात प्रगतिशील समालोचक डॉ. रामविलास शर्मा की पुस्तक ‘प्रेमचन्द और उनका युग’ का यह नवीन परिवर्धित संस्करण है। इसमें 'प्रेमाश्रम और गोदान : कुछ अन्य समस्याएँ' शीर्षक से लगभग सौ पृष्ठों की नई सामग्री जोड़ी गई है, और इस प्रकार यह पुस्तक अब प्रेमचन्द पर
डॉ. शर्मा के अद्यावधि चिन्तन को प्रस्तुत करती है।
प्रेमचन्द भारत की नई राष्ट्रीय और जनवादी चेतना के प्रतिनिधि साहित्यकार थे। अपने युग और समाज का जो यथार्थ चित्रण उन्होंने किया, वह अद्वितीय है। इस पुस्तक में विद्वान लेखक ने प्रेमचन्द की कृतियों का मूल्यांकन ऐतिहासिक सन्दर्भ और सामाजिक परिवेश की पृष्ठभूमि में किया है।
प्रथम अध्याय में उनके जीवन पर तथा अगले अध्यायों में क्रमशः उनके उपन्यासों और कहानियों पर प्रकाश डालते हुए सम्पादक, विचारक और आलोचक के रूप में प्रेमचन्द के कृतित्व का विश्लेषण किया गया है। तदुपरान्त ‘प्रगतिशील साहित्य और भाषा की समस्या’, ‘युग निर्माता प्रेमचन्द’ एवं ‘समस्याएँ’ शीर्षकों के अन्तर्गत प्रेमचन्द के कृतित्व-सम्बन्धी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं। श्री अमृतराय द्वारा लिखित ‘प्रेमचन्द : क़लम का सिपाही’ तथा श्री मदन गोपाल लिखित ‘क़लम का मज़दूर : प्रेमचन्द' पुस्तकों की तर्कपूर्ण शैली में समीक्षा की गई है।
यह प्रेमचन्द पर एक तथ्यपूर्ण और सम्पूर्ण पुस्तक है।
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