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Prarthna pravachan = प्रार्थना-प्रवचन

By: Publication details: Rajkamal Prakashan, 2020. New Delhi:Description: v1, 445p., v2, 334p.; hbk; 23cmISBN:
  • 9789389598230
Subject(s): DDC classification:
  • 891.43 GAN
Summary: महात्मा गांधी की हत्या दिल्ली में उनके प्रार्थना-सभा में जाते हुए हुई थी। लेकिन इस पर कम ध्यान दिया गया है कि गांधी जी ने प्रार्थना-सभा के रूप में अपने समय और स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान एक अनोखी नैतिक-आध्यात्मिक और राजनैतिक संस्था का आविष्कार किया था। थोड़े आश्चर्य की बात यह है कि आज भी यानी गांधी जी के सेवाग्राम छोड़े 70 से अधिक बरसों बाद भी वहाँ हर दिन सुबह-शाम प्रार्थना-सभा होती है : उसमें सभी धर्मों से पाठ होता है जिनमें हिन्दू, इस्लाम, ईसाइयत, बौद्ध, जैन, यहूदी, पारसी आदि शामिल हैं। दुनिया में, जहाँ धर्मों को लेकर इतनी हिंसा-दुराव-आतंक का माहौल है वहाँ कहीं और ऐसा धर्म-समभाव हर दिन नियमित रूप से होता हो, लगता या पता नहीं है। प्रार्थना-सभा में अन्त में गांधी जी बोलते थे। उनके अधिकांश विचार इसी अनौपचारिक रूप में व्यक्त होते थे। उनका वितान बहुत विस्तृत था। उन्हें दो खण्डों में प्रकाशित करना हमारे लिए गौरव की बात है। इसलिए भी रज़ा गांधी को भारत का बुद्ध के बाद दूसरा महामानव मानते थे। https://rajkamalprakashan.com/prarthna-pravachan-vols-1-2.html
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महात्मा गांधी की हत्या दिल्ली में उनके प्रार्थना-सभा में जाते हुए हुई थी। लेकिन इस पर कम ध्यान दिया गया है कि गांधी जी ने प्रार्थना-सभा के रूप में अपने समय और स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान एक अनोखी नैतिक-आध्यात्मिक और राजनैतिक संस्था का आविष्कार किया था। थोड़े आश्चर्य की बात यह है कि आज भी यानी गांधी जी के सेवाग्राम छोड़े 70 से अधिक बरसों बाद भी वहाँ हर दिन सुबह-शाम प्रार्थना-सभा होती है : उसमें सभी धर्मों से पाठ होता है जिनमें हिन्दू, इस्लाम, ईसाइयत, बौद्ध, जैन, यहूदी, पारसी आदि शामिल हैं। दुनिया में, जहाँ धर्मों को लेकर इतनी हिंसा-दुराव-आतंक का माहौल है वहाँ कहीं और ऐसा धर्म-समभाव हर दिन नियमित रूप से होता हो, लगता या पता नहीं है।

प्रार्थना-सभा में अन्त में गांधी जी बोलते थे। उनके अधिकांश विचार इसी अनौपचारिक रूप में व्यक्त होते थे। उनका वितान बहुत विस्तृत था। उन्हें दो खण्डों में प्रकाशित करना हमारे लिए गौरव की बात है। इसलिए भी रज़ा गांधी को भारत का बुद्ध के बाद दूसरा महामानव मानते थे।

https://rajkamalprakashan.com/prarthna-pravachan-vols-1-2.html

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