Ek kahani yah bhi = एक कहानी यह भी
Publication details: Radhakrishna Prakashan, 2021. Delhi:Edition: 5thDescription: 226p.; hbk; 23cmISBN:- 9788183611060
- 891.4309 BHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
---|---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
IIT Gandhinagar | General | 891.4309 BHA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032423 |
Includes author introduction
'आपका बंटी' और 'महाभोज' जैसे उपन्यास और अनेक बहुपठित-चर्चित कहानियों की लेखिका मन्नू भंडारी इस पुस्तक में अपने लेखकीय जीवन की कहानी कह रही हैं । यह उनकी आत्मकथा नहीं है, लेकिन इसमें उनके भावात्मक और सांसारिक जीवन के उन पहलुओं पर भरपूर प्रकाश पड़ता है जो उनकी रचना-यात्रा में निर्णायक रहे । एक ख्यातनामा लेखक की जीवन-संगिनी होने का रोमांच और एक जिद्दी पति की पत्नी होने की बाधाएँ, एक तरफ अपनी लेखकीय जरूरतें (महत्वाकांक्षाएँ नही) और दूसरी तरफ एक घर को सँभालने का बोझिल दायित्व, एक धुर आम आदमी की तरह जीने की चाह और महान उपलब्धियों के लिए ललकता, आसपास का साहित्यिक वातावरण-ऐसे कई-कई विरोधाभासों के बीच से मनजी लगातार गुजरती रहीं, लेकिन उन्होंने अपनी जिजीविषा, अपनी सादगी, आदमीयत और रचना-संकल्प को नहीं टूटने दिया । आज भी जब वे उतनी मात्रा में नहीं लिख रही हैं, ये चीजें उनके साथ हैं, उनकी सम्पत्ति हैं । यह आत्मस्मरण मनजी की जीवन-स्थितियों के साथ-साथ उनके दौर की कई साहित्यिक-सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी रोशनी डालता है और नई कहानी दौर की रचनात्मक बेकली और तत्कालीन लेखकों की ऊँचाइयों-नीचाइयों से भी परिचित कराता है । साथ ही उन परिवेशगत स्थितियों को भी पाठक के सामने रखता है जिन्होंने उनकी संवेदना को झकझोरा ।
https://rajkamalprakashan.com/ek-kahani-yah-bhi.html
There are no comments on this title.