Titli = तितली
Publication details: Jyoti Prakashan, 2017. Prayagraj:Description: 219p.; pbk; 21cmISBN:- 9789390597598
- 891.433 PRA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.433 PRA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032288 |
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891.433 NAG Ugratara = उग्रतारा | 891.433 PAN Shivani ke katha sahitya mein nari chitran = शिवानी के कथा साहित्य में नारी चित्रण | 891.433 PAR Tat ki khoj = तट की खोज | 891.433 PRA Titli = तितली | 891.433 PRE Pratigya = प्रतिज्ञा | 891.433 PRE Prema = प्रेमा | 891.433 PRE Premashram = प्रेमाश्रम |
Includes authors introduction
तितली ‘मनुष्य बनाम समाज’ के संघर्ष का ही उपन्यास न होकर मानव मूल्यों की प्रतिष्ठा का भी उपन्यास है। इसमें तितली, शैला, माधुरी, श्यामकुमारी, राजकुमारी आदि नारी चरित्रवर्ग चरित्र न होकर ऐसी नारियाँ हैं जो अपनी कमज़ोरियों के कारण टूटती भी हैं और उसी से शक्ति अर्जित करके सामाजिक जीवन को बदलती भी हैं।
इस उपन्यास में महात्मा गांधी की मूल्य चेतना के साथ ही साथ उस महत्त्व की भी खोज की गई है जिससे एक वैश्विक सामरस्य का सृजन सम्भव हो सकता है। पुरुष सत्तात्मक व्यवस्था के प्रति विद्रोह के साथ ही साथ सम्भव बराबरी का लक्ष्य इस उपन्यास से निरन्तर बना हुआ है। त्याग, प्रेम, समता और करुणा के साथ-साथ इसमें इन मूल्यों के कारण मनुष्य में होनेवाली हलचलों का संकेत औपन्यासिक शिल्प के विकास और क्षमता का भी प्रमाण प्रस्तुत करता है।
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