Kam se kam=कम से कम
Publication details: New Delhi: Rajkamal Prakshan, 2019.Description: 2019ISBN:- 9789388753746
- 891.431 VAJ
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Books | IIT Gandhinagar | General | 891.431 VAJ (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 033756 |
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891.431 TRI Shrikant Verma rachanawali = श्रीकान्त वर्मा रचनावली, Vol. 1-8 | 891.431 TRI Ankahee abhivyakti =अनकही अभिव्यक्ति | 891.431 VAJ Hawa mein hastakshar= हवा में हस्ताक्षर | 891.431 VAJ Kam se kam=कम से कम | 891.431 VER Deepshikha = दीपशिखा | 891.431 YAD Akeli chinti=अकेली चिंटी | 891.431 YAD Vartman sandarbh mein surkavya ka mahatva = वर्तमान संदर्भ में सूरकाव्य का महत्व |
ऐसे दौर में जब लोकतन्त्र में कई गैर लोकतान्त्रिक तरीकों से असहमति को दबाये जाने का एक सुनियोजित अभियान ही चल रहा है, तब अशोक वाजपेयी उन सार्वजनिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों में से हैं जो कविता, लेखन, वक्तव्य और कर्म के अनेक स्तरों पर असहमति को विन्यस्त और मुखर कर रहे हैं। तरह-तरह से डराई जा रही व्यवस्था में वे निडर रहकर अपनी बात कहते हैं। वे उन लोगों में से हैं जो अन्त:करण के आयतन को संक्षिप्त होने से लगातार बचाने का अथक यत्न करते रहे हैं।
‘कम से कम’ की कविताएँ ज़्यादा से ज़्यादा मानवीय बने रहने का अभ्यास हैं : वे इसका साक्ष्य हैं कि कठिन से कठिन समय में कविता मनुष्य बने रहने की सम्भावना की जगह होती है।
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