Aagami ateet = आगामी अतीत
Publication details: Rajkamal Prakashan, 2015. New Delhi:Description: vii, 102p.; pbk; 22cmISBN:- 9788126726592
- 891.433 KAM
Item type | Current library | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | 891.433 KAM (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032169 |
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891.433 JOS Kasap = कसप | 891.433 JOS Ta-taa professor = टा-टा प्रोफेसर | 891.433 KAM Mere hamsafar = मेरे हमसफर | 891.433 KAM Aagami ateet = आगामी अतीत | 891.433 KAM Amma = अम्मा | 891.433 KAM Anbita vyatit = अनबीता व्यतीत | 891.433 KAM Laute huye musafir = लौटे हुए मुसाफिर |
Includes authors introduction
आगामी अतीत का कथ्य रोमांटिक ज़रूर लग सकता है, परन्तु इसमें निहित रोमांटिकता के भीतर भी जो गहरी टीस व्याप्त है, उसके सन्दर्भ ख़ास तौर से सामाजिक-आर्थिक निर्भरताओं से जुड़े हुए हैं। यानी रिश्ते भी किस तरह मूर्छित हो जाते हैं या किस तरह का रूप मानसिक मजबूरियों की वजह से ले जाते हैं, इसीलिए इस उपन्यास में रोमांटिकता को रोमांटिकता से ही काटने का प्रयास दिखाई देता है। जब इस उपन्यास का धारावाहिक प्रकाशन हुआ था, तब इसके उद्देश्य को लेकर गहरी बहस भी सामने आई थी और अन्ततः पाठकों ने यह पाया था कि परम्परावादी रोमांटिक कहानियों से अलग यह उपन्यास एक नए कथ्य को सामने लाता है।
पूँजीवादी समाज के स्पर्धामूलक परिवेश की विडम्बना और अन्तर्विरोध ही इस उपन्यास का मुख्य कथ्य है। सन् 1973-74 के आसपास लिखे गए इस उपन्यास की सार्थकता आज के भूमंडलीकरण के दौर में सामने आ चुकी है। आर्थिक आपाधापी के कारण टूट रहे स्त्री-पुरुष सम्बन्धों को इस उपन्यास में पहले ही हमारे सामने रख दिया गया था। और, उस नारी की पीड़ा को भी जो इस दौर की विकृतियों को सह रही है।
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