Do ekant = दो एकान्त
Publication details: Lokbharti Prakashan, 2012. Allahabad:Description: 121p.; hbk; 23cmISBN:- 9788180317194
- 891.4337 MEH
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.4337 MEH (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032093 |
Includes author introduction
आधुनिकता सामाजिक ढाँचा ही नहीं है, बल्कि हमारी व्यक्तिगत मानसिक स्थिति और स्वत्व बन गई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि प्रेम जैसी निजी अनुभूति पर भी इसका तनाव अनुभव होता है। इसलिए कभी-कभी तो आजीवन प्रेम के स्थान पर हम प्रेम के तनाव में ही रहते होते हैं। इस उपन्यास में वानीरा और विवेक के माध्यम से इस आधुनिक तनाव वाली घटना-हीन वास्तविकता को अत्यन्त सूक्ष्म शैली, चित्रों और मन:स्थितियों के द्वारा श्रीनरेश मेहता ने प्रस्तुत किया है।
https://rajkamalprakashan.com/do-ekant.html
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