Dinkar ki diary = दिनकर की डायरी
Publication details: Lokbharti Paperbacks, 2021 Pragyaraj:Edition: 2nd edDescription: 312p. hbk; 20cmISBN:- 9789389243024
- 891.43871 DIN
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.43871 DIN (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032061 |
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891.438709 SIN Dalit atmakatha (hindi) ke sarokar =दलित आत्मकथा (हिन्दी) के सरोकार | 891.43871 AKH Achambhe ka rona = अचंभे का रोना | 891.43871 DAB Kavi ka akelapan = कवि का अकेलापन | 891.43871 DIN Dinkar ki diary = दिनकर की डायरी | 891.43871 JOS Netaji kahin = नेताजी कहिन | 891.43871 PAR Vaishnav ki phislan = वैष्णव की फिसलन | 891.43871 PAR Vikalang shraddha ka daur = विकलांग श्रद्धा का दौर |
“दैनिकी के लिए अंग्रेज़ी में दो शब्द हैं–डायरी और जर्नल। डायरी वह चीज़ है, जो रोज़ लिखी जाती है और जिसमें घोर रूप से वैयक्तिक बातें भी लिखी जा सकती हैं। बहुत-से महापुरुषों की डायरियाँ प्रकाशित हुई हैं, जिनमें से लज्जा या कलंक की बातें काटकर निकाल दी गई हैं। मगर जर्नल के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि वह रोज़ लिखा जाए। वैयक्तिक बातें जर्नल में भी लिखी जा सकती हैं। लेकिन मैंने जो जर्नल देखे हैं, उनमें वैयक्तिक बातें बहुत वैयक्तिक नहीं हैं। उनमें विचार हैं, भावनाएँ हैं और कहीं-कहीं टिप्पणियाँ या संक्षिप्त लेख भी हैं। मैं जो डायरी प्रकाशित कर रहा हूँ, वह डायरी और जर्नल, दोनों का मिश्रण है।" दिनकर जी के इस उद्धरण से स्पष्ट है कि वे कविता के साथ-साथ सत्ता-समय में जीवन, समाज के प्रति अपने गद्य-लेखन में भी किस तरह की सृजनात्मकता को जी रहे थे। दिनकर जी अपने समकालीनों में मात्र एक ऐसे साहित्यकार थे जो सत्ता, साहित्य और जनता तीनों जगह समान रूप से लोकप्रिय थे। यही कारण है कि यह पुस्तक अपने कालखंड में हर स्तर पर अपनी ज़िम्मेवारी का निर्वहन करनेवाले एक महाकवि के मनोजगत की जिस यात्रा को प्रस्तुत करती है, वह प्रभावशाली भी है और प्रेरक भी। 'दिनकर की डायरी' भारतीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में न सिर्फ़ भावनाओं, विचारों का दस्तावेज़ है, बल्कि एक राष्ट्रकवि के संस्मरणों और जीवन-प्रसंगों की भी एक अमूल्य निधि है।
https://rajkamalprakashan.com/dinkar-ki-diary.html
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