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Reti ke phool = रेती के फूल

By: Publication details: Rajkamal Prakashan, 2019 Allahabad:Description: 112p. hbk; 20cmISBN:
  • 9789389243840
Subject(s): DDC classification:
  • 891.43471 DIN
Summary: रेती के फूल' युवा पीढ़ी के लिए एक युगदृष्टा साहित्यकार का उद्बोधन है। इसमें शामिल प्रत्येक निबन्ध ओजस्वी और प्रेरणा का पुंज है। 'हिम्मत और ज़िन्दगी', 'ईर्ष्या, तू न गई मन से', 'कर्म और वाणी', 'खड्ग और वीणा', 'कला, धर्म और विज्ञान' और 'संस्कृति है क्या?' जैसे शाश्वत विषयों के अतिरिक्त 'भविष्य के लिए लिखने की बात', 'राष्ट्रीयता और अन्तरराष्ट्रीयता', 'हिन्दी कविता में एकता का प्रवाह', 'नेता नहीं, नागरिक चाहिए' जैसे ज्वलन्त मुद्दों पर समर्थ कवि का मौलिक चिन्तन है जो आज भी उतना ही सार्थक है, जितना साठ वर्षों पूर्व था। वस्तुतः 'रेती के फूल' ऐसे निबन्धों का संग्रह है जिसमें कलाकारिता तो है ही, जो विचारोत्तेजक भी हैं। https://rajkamalprakashan.com/reti-ke-phool.html
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Hindi Books Hindi Books IIT Gandhinagar General 891.43471 DIN (Browse shelf(Opens below)) 1 Available 032049

रेती के फूल' युवा पीढ़ी के लिए एक युगदृष्टा साहित्यकार का उद्बोधन है। इसमें शामिल प्रत्येक निबन्ध ओजस्वी और प्रेरणा का पुंज है।

'हिम्मत और ज़िन्दगी', 'ईर्ष्या, तू न गई मन से', 'कर्म और वाणी', 'खड्ग और वीणा', 'कला, धर्म और विज्ञान' और 'संस्कृति है क्या?' जैसे शाश्वत विषयों के अतिरिक्त 'भविष्य के लिए लिखने की बात', 'राष्ट्रीयता और अन्तरराष्ट्रीयता', 'हिन्दी कविता में एकता का प्रवाह', 'नेता नहीं, नागरिक चाहिए' जैसे ज्वलन्त मुद्दों पर समर्थ कवि का मौलिक चिन्तन है जो आज भी उतना ही सार्थक है, जितना साठ वर्षों पूर्व था।

वस्तुतः 'रेती के फूल' ऐसे निबन्धों का संग्रह है जिसमें कलाकारिता तो है ही, जो विचारोत्तेजक भी हैं।

https://rajkamalprakashan.com/reti-ke-phool.html

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