Umraonagar mein kuchh din= उमरावनगर में कुछ दिन
Publication details: New Delhi: Rajkamal Prakashan, 2023.Edition: 7th edDescription: 85p.: pbk.: 20cmISBN:- 9788126700660
- 809.791431 SHU
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 809.791431 SHU (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 033723 |
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809.3872 CAR Philosophy of horror: or, paradoxes of the heart | 809.3876 VIN Science fiction | 809.38762 BOU Routledge companion to science fiction | 809.791431 SHU Umraonagar mein kuchh din= उमरावनगर में कुछ दिन | 809.8896 THI Decolonising the mind: the politics of language in African literature | 809.91 BLA Work of fire | 809.9112 BRA Routledge companion to experimental literature |
राग दरबारी’ के ख्यातिलब्ध उपन्यासकार श्रीलाल शुक्ल की यह कथा-कृति हमारे सामने तीन महत्त्वपूर्ण व्यंग्य-कथाओं को प्रस्तुत करती है। ये हैं—‘उमरावनगर में
कुछ दिन’, ‘कुन्ती देवी का झोला’ और ‘मम्मीजी का गधा’। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, संग्रह की आधार-कथा है—‘उमरावनगर में कुछ दिन’। उमरावनगर यानी राजकीय स्तर पर चुना गया एक ऐसा ‘आदर्श गाँव’ जो बड़ी तेज़ी से ‘विकास’ की ओर अग्रसर है, लेकिन आज़ादी के बाद पनपे सारे अवसरवाद और भ्रष्टाचार के साथ हुए तमाम समझौते उमरावनगर के सार्वजनिक जीवन में मौजूद हैं। ‘कुन्ती देवी का झोला’ में डाकुओं और पुलिस के आतंकवाद का चित्रण हुआ है, जिसका शिकार अन्ततः निरीह और निर्दोष जनता ही बनती है। ‘मम्मीजी का गधा’ में अफ़सरशाही के अहं को विषय बनाया गया है और प्रसंगतः इस बात की भी ख़बर ली गई है कि नेता लोग अर्थहीन-सी स्थितियों को अपने फ़ायदे में इस्तेमाल करके किस तरह जन-भावनाओं को भड़काते हैं।
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