Aakash pakshi = आकाश पक्षी
Publication details: Rajkamal Prakashan, 2022 New Delhi:Description: 412p. hbk; 20cmISBN:- 9788126707775
- 891.433 AMA
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.433 AMA (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 032014 |
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891.433 AGY Shekhar: ek jeevani = शेखर: एक जीवनी | 891.433 AKH Raza: jaisa maine dekh = रज़ा: जैसा मैंने देखा | 891.433 AKH Sheershak nahin = शीर्षक नहीं | 891.433 AMA Aakash pakshi = आकाश पक्षी | 891.433 AMA Inhi hatiyaron se = इन्हीं हथियारों से | 891.433 AMA Beech ki deewar = बीच की दीवार | 891.433 AMA Sunner Pande ki patoh = सुन्नर पांडे की पतोह |
वरिष्ठ कथाकार अमरकान्त का यह उपन्यास एक निर्दोष और संवेदनशील लड़की की कथा है, जिसके इर्द-गिर्द भारतीय सामन्तवाद के अवशेषों की नागफनियाँ फैली हुई हैं। उनका कुंठाजनित अहंकार, हठधर्मिता और सर्वोच्चता का मिथ्या भाव उसकी सहज मानवीय इच्छाओं और आकांक्षाओं को बाधित करता है।
भारतीय समाज से सामन्तवाद के समाप्त होने के बावजूद अपने स्वर्णिम युगों का खुमार एक वर्ग विशेष में लम्बे समय तक बचा रहा, और आज भी जहाँ-तहाँ यह दिखाई पड़ जाता है। गुज़रे ज़मानों की स्मृतियों के सहारे जीते हुए ये लोग नए समय के मूल्यों-मान्यताओं को जहाँ तक सम्भव हो, नकारते हैं, और उनकी शिकार होती हैं वे नई नस्लें जो जिन्दगी और समाज को नए नज़रिए से देखना, जानना और जीना चाहती हैं।
इस उपन्यास की पंक्तियों में बिंधी व्यथा उन लोगों के लिए एक चेतावनी की तरह है जो आज भी उन बीते युगों को जीने की कोशिश करते हैं।
https://rajkamalprakashan.com/aakash-pakshi.html
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