Yaaron ke yaar = यारों के यार
Publication details: Rajkamal Paperbacks, 2016. New Delhi:Description: 70p.; pbk; 22cmISBN:- 9788126719662
- 891.433 SOB
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Books | IIT Gandhinagar | General | 891.433 SOB (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 031992 |
Includes author introduction
राजधानी का एक सरकारी दफ़्तर, उसकी आबो-हवा और वहाँ काम करनेवाले लोगों की रग-रग का हाल। वास्तविकता के एक-एक शेड को कम-से-कम शब्दों में पकड़कर सँजो देने में माहिर कृष्णा जी की भाषा इस कृति में भी अपने रचनात्मक शिखर पर है।
उनकी तमाम कृतियों की तरह यह उपन्यास भी उनकी इस धारणा की पैरवी करता है कि ‘किसी भी व्यक्ति के लिए, जिसकी मूल और आन्तरिक प्रेरणा सत्य है, केवल साहित्य ही एक ऐसा कवच है, जिसके भीतर वह अपनी अस्मिता को सुरक्षित रख सकता है।'
https://rajkamalprakashan.com/yaron-ke-yaar.html
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