Samrat Ashok = सम्राट अशोक
Publication details: Vani Prakashan, 2019. New DelhiDescription: 135p.; pbk; 22cmISBN:- 9789350728734
- 891.432 SIN
Item type | Current library | Collection | Call number | Copy number | Status | Date due | Barcode |
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IIT Gandhinagar | General | 891.432 SIN (Browse shelf(Opens below)) | 1 | Available | 031578 |
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891.43172 SHA Man manthan = मन मंथन | 891.43172 SHA Man manthan = मन मंथन | 891.43172 SHA Man manthan = मन मंथन | 891.432 SIN Samrat Ashok = सम्राट अशोक | 891.432 SIN Oh America ! = ओह अमेरिका ! | 891.432 SIN Saadar aapka = सादर आपका | 891.432009 KAM Jange-azadi = जंगे आज़ादी |
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नाटककार ने सम्राट अशोक को जिन रूप-रंग और छवियों में उकेरा है कि वह सुदूर अतीत का अशोक न हो कर, आज के किसी भी राजनीतिज्ञ, प्रशासक, अथवा शासक का सहज ही प्रतिबिम्ब जान पड़ने लगता है- इस दृष्टि से नाटक सर्वथा, सार्थक, समकालिक और सर्वकालीन रहेगा। देवेन्द्र राज अंकुर पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय नाट्य द्वारा निर्देशित विद्यालय, नयी दिल्ली ‘सम्राट अशोक’- अशोक के जीवन की घटनाओं का मात्रा संकलन नहीं है। नाटककार ने अशोक के माध्यम से जीवन की निरर्थकता और असंगतता को रेखांकित किया है, जो अन्ततः सार्वभौतिक सत्य है, और जिसने सिद्धार्थ नामक एक राजकुमार को बुद्ध बनाया था। इस परिप्रेक्ष्य में नाटक साहित्यगत मूल्यों से भरपूर एक उत्कृष्ट रचना है, जो हर दृष्टि से सफल नाट्य कृति है।
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