Vasu ka kutum = वसु का कुटुम (Record no. 57837)
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 221118b |||||||| |||| 00| 0 eng d |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788126728145 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.4337 |
Item number | GAR |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Garg, Mridula |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Vasu ka kutum = वसु का कुटुम |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc | Rajkamal Prakashan, |
Date of publication, distribution, etc | 2016. |
Place of publication, distribution, etc | New Delhi: |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 118p.; |
Other physical details | hbk; |
Dimensions | 23cm. |
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE | |
Bibliography, etc | Includes author introduction |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | ‘वसु का कुटुम’ लेखिका की अब तक लिखी गई कहानियों से एकदम अलग हटकर है। अलग इसलिए कि अभी तक उनकी लगभग सारी कहानियाँ मुख्य रूप से स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के कथ्य के इर्द-गिर्द घूमती रही हैं लेकिन पहली बार हमारा साक्षात्कार एक बड़े सामाजिक परिवेश और उससे जुडी रोज़मर्रा की छोटी-बड़ी समस्याओं से होता है। उदाहरण के लिए पर्यावरण, अतिक्रमण, एन.जी.ओ., कालाधन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे जिनसे हममें से हरेक को प्रतिदिन दो-चार होना पड़ता है। यदि लेखिका ने कथ्य के स्तर पर एक नई पगडंडी पर क़दम रखा है तो उसी के अनुरूप कहानी के शिल्प और संरचना को भी बिलकुल नए तेवर, नए मुहावरे और नए अन्दाज़ में प्रस्तुत किया है। सबसे पहले तो उन्होंने कहानी कहने के लिए कथावाचक की भूमिका में एक तटस्थ मुद्रा को अपनाया है, दूसरे समसामयिक घटनाओं को इतने गहरे में जाकर चित्रित किया है कि वे घटनाएँ जानी-पहचानी होकर भी ‘फ़ैंटेसी’ सी लगने लगती हैं अर्थात् यथार्थ को अति-यथार्थ की हद तक जाकर उद्घाटित करना कहानी को ‘सुरियलिज़्म’ की सीमा तक पहुँचा देता है। यह तथ्य और सत्य अलग से रेखांकित किया जाना चाहिए कि लेखिका ने भाषा के स्तर पर भी एक बहुत ही सहज, सरल और अनायास ही सम्प्रेषित हो जानेवाला रास्ता चुना है अपने लिए—एक बातचीत की, एक संवाद की या एक वार्तालाप की ऐसी शैली, जिसमें हम कब स्वयं शिरकत करने लगते हैं पता ही नहीं चलता। किसी हद तक तमाम स्थितियों-परिस्थितियों के चित्रण में व्यंग्य की पैनी धार कहीं हमें हँसा-हँसाकर लोट-पोट कर देती है तो कहीं गहरे में मर्म को आहत भी करती है। यह कहानी न तो मात्र हास्य-व्यंग्य है, और न ही मात्र त्रासदी—शायद इसे अंग्रेज़ी में प्रचलित ‘डार्क ह्यूमर’ कहा जा सकता है।<br/><br/>https://rajkamalprakashan.com/vasu-ka-kutum.html |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Hindi |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Fiction |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Novel |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Item type | Hindi Books |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Full call number | Barcode | Date last seen | Copy number | Cost, replacement price | Koha item type |
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Dewey Decimal Classification | IIT Gandhinagar | IIT Gandhinagar | 17/11/2022 | Books India | 0.00 | 891.4337 GAR | 032200 | 17/11/2022 | 1 | 100.00 | Hindi Books |