Venuvan = वेणुवन (Record no. 57673)
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789389243185 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 891.4309 |
Item number | DIN |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Dinkar, Ramdhari Singh |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Venuvan = वेणुवन |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Name of publisher, distributor, etc | Lokbharti Prakashan, |
Date of publication, distribution, etc | 2019 |
Place of publication, distribution, etc | Allahabad: |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 112p. hbk; 20cm |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | राष्ट्रकवि दिनकर के इस 'वेणुवन' में लेख भी हैं, निबन्ध भी और काल्पनिक संवाद भी। यह चिन्तन-मनन के अभयारण्य की तरह है जिसका आकर्षण और प्रभाव अन्त तक बना रहता है। इसमें शामिल हर पाठ अपने रंग में रँगने की क्षमता रखता है। 'अर्धनारीश्वर' में दिनकर नर-नारी को एक द्रव्य की ढली दो प्रतिमाएँ मानते हुए रेखांकित करते हैं कि 'जिस पुरुष में नारीत्व नहीं, वह अधूरा है और जिस नारी में पुरुषत्व नहीं, वह भी अपूर्ण है।' वहीं 'कलाकार की सफलता' में कहते हैं कि कलाकार की सफलता की कसौटी केवल यह हो सकती है कि उसकी कृतियों से समाज आन्दोलित हुआ है या नहीं, और यदि हुआ है तो उसकी रचनाओं से प्रभावित होनेवाला सांस्कृतिक धरातल क्या है? ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ में जन्मभूमि की महत्ता को तुलसीदास, बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, इकबाल आदि के जरिए बहुत ही काव्यात्मक तरीके से प्रस्तुत करते हैं। 'कबीर साहब से भेंट' काल्पनिक ही सही, लेकिन दिनकर ने अपने तात्कालीन समस्याओं के मद्देनजर अद्भुत और अविस्मरणीय संवाद को रचा है। इसी तरह ‘मैथिल कोकिल विद्यापति’, ‘विद्यापति और ब्रजबुलि’, ‘महादेवी जी की वेदना’, ‘साहित्य का नूतन ध्येय’, ‘निर्गुण पन्थ की सामाजिक पृष्ठभूमि', 'बौद्धधर्म की विश्व-व्यापकता', 'आदर्श मानव राम', 'संस्कृति संगम–1, 2', 'शांति की समस्या' पाठों के जरिए दिनकर साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, स्वतंत्रता आदि के परिप्रेक्ष्य में मूल और मूल्यों से जुड़े कई सवालों से न सिर्फ टकराते हैं, बल्कि किसी न किसी निष्कर्ष पर पहुँचने की सफल कोशिश भी करते हैं। कहने की आवश्यकता नहीं कि जिस तरह बुद्ध का वेणुवन उनकी तप-साधना का स्थल था, यह पुस्तक 'वेणुवन' रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के चिन्तन का विरल प्रतिफल है।.<br/><br/>https://rajkamalprakashan.com/venuvan.html |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Hindi Essay |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Hindi Literature |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name as entry element | Social problems |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Item type | Hindi Books |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Date last borrowed | Copy number | Cost, replacement price | Koha item type |
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Dewey Decimal Classification | General | IIT Gandhinagar | IIT Gandhinagar | 03/11/2022 | Himanshu Book | 0.00 | 1 | 891.4309 DIN | 032054 | 30/12/2022 | 01/12/2022 | 1 | 395.00 | Hindi Books |