Doosara ghar = दूसरा घर
Mishra, Ramdarash
Doosara ghar = दूसरा घर - New Delhi: Vani Prakashan, 2018. - 293p.; pbk; 22cm.
यह जीवन-यथार्थ बहुत सघन बहुआयामी और जटिल है। यदि यह उपन्यास इस ज़िंदगी का एक हिस्सा भी पाठक तक पहुँचा तो पुस्तक का उद्देश्य पूर्ण होगा। यह उपन्यास लेखक के जीवन और रचनात्म्क विकास के कुछ नए बिन्दुओं को छूता है। यह ऐसे लोगो की कहानी है जो अपने गांवों की जनीं औधौगिक नगर की जमीन में जमकर भी जम नहीं पाते। लेखक के चिंतन के केंद्र मई वंचित और अभाव ग्रस्त लोग हैं।
https://www.amazon.in/Doosara-Ghar-Ramdarash-Mishra/dp/8181436652
9789387889255
Hindi novel
Hindi fiction
Hindi literature
891.433 / MIS
Doosara ghar = दूसरा घर - New Delhi: Vani Prakashan, 2018. - 293p.; pbk; 22cm.
यह जीवन-यथार्थ बहुत सघन बहुआयामी और जटिल है। यदि यह उपन्यास इस ज़िंदगी का एक हिस्सा भी पाठक तक पहुँचा तो पुस्तक का उद्देश्य पूर्ण होगा। यह उपन्यास लेखक के जीवन और रचनात्म्क विकास के कुछ नए बिन्दुओं को छूता है। यह ऐसे लोगो की कहानी है जो अपने गांवों की जनीं औधौगिक नगर की जमीन में जमकर भी जम नहीं पाते। लेखक के चिंतन के केंद्र मई वंचित और अभाव ग्रस्त लोग हैं।
https://www.amazon.in/Doosara-Ghar-Ramdarash-Mishra/dp/8181436652
9789387889255
Hindi novel
Hindi fiction
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891.433 / MIS